April 15, 2020
Digital Media, Online Journalism
विजय के. झा। प्रिंट और ब्रॉडकास्ट के बाद अब जमाना न्यू मीडिया का है। जवानी की ओर बढ़ रहे इस मीडिया ने नौजवानों को अपनी ओर खूब खींचा है। न्यू मीडिया यानी क्या परिभाषा के लिहाज से देखें तो न्यू मीडिया में वेबसाइट, ऑडियो-वीडियो स्ट्रीमिंग, चैट रूम, ऑनलाइन कम्युनिटीज के ...
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April 5, 2020
Radio & TV Journalism
क़मर वहीद नक़वी | ‘आज तक’ का नाम कैसे पड़ा ‘आज तक?’ बड़ी दिलचस्प कहानी है. बात मई 1995 की है. उन दिनों मैं ‘नवभारत टाइम्स,’ जयपुर का उप-स्थानीय सम्पादक था. पदनाम ज़रूर उप-स्थानीय सम्पादक था, लेकिन 1993 के आख़िर से मैं सम्पादक के तौर पर ही अख़बार का काम ...
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April 2, 2020
Journalism
सुभाष धूलिया| आज यह कहा जाता है कि मानव सभ्यता सूचना युग में प्रवेश कर रही है। पिछले 50 वर्षों में संचार और सूचना के क्षेत्र में एक क्रांति आई है। आज दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली किसी घटना की जानकारी हमे चंद पलों में मिल जाती ...
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March 30, 2020
Journalism
राजेश कुमार पत्रकारिता अभिव्यक्ति का एक माध्यम है। जिसके जरिए समाज को सूचित, शिक्षित और मनोरंजित किया जाता है। पत्रकारिता के माध्यम से आने वाले किसी भी संदेश का समाज पर व्यापक असर पड़ता है, जिसके जरिए मानवीय व्यवहार को निर्देशित और नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में एक ...
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March 28, 2020
Radio & TV Journalism
मनोरंजन भारती | मैनें उन गिने चुने लोगों में से जिसने अपने कैरियर की शुरूआत टीवी से की। हां, आईआईएससी में पढ़ने के दौरान कई अखबारों के लिए फ्री लांसिंग जरूर की। लेकिन संस्थान से निकलते ही विनोद दुआ के परख कार्यक्रम में नौकरी मिल गई। यह कार्यक्रम दूरदर्शन पर ...
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March 26, 2020
Journalism
हर्ष रंजन। अगर हम कहें कि आवाज़ का ही दूसरा नाम प्रसारण है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। आवाज़ ही प्रसारण के लिए सब कुछ है। प्रसारण की दुनिया में काम करने की पहली और आखिरी शर्त आवाज़ ही होती है। आपकी आवाज़ प्रसारण योग्य हो तभी रेडियो जॉकी या समाचार ...
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October 23, 2017
Radio & TV Journalism
शैलेश और डॉ. ब्रजमोहन | पत्रकारिता में टीवी रिपोर्टिंग आज सबसे तेज, लेकिन कठिन और चुनौती भरा काम है। अखबार या संचार के दूसरे माध्यमों की तरह टीवी रिपोर्टिंग आसान नहीं। टेलीविजन के रिपोर्टर को अपनी एक रिपोर्ट फाइल करने के लिए लम्बी मशक्कत करनी पड़ती है। रिपोर्टिंग के लिए ...
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April 13, 2017
Contemporary Issues
राजेश कुमार। यह शोध पत्र मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर मीडिया और विभिन्न देशों की राजनीतिक‚ सामाजिक‚ आर्थिक और सांस्कृतिक व्यवस्था के साथ उसके अंतरसंबंधों पर प्रकाश डालता है। विभिन्न समयकाल में विकसित होने वाली राजनीतिक व्यवस्थाओं ने मीडिया को किस हद तक प्रभावित किया? इन परिस्थितियों में मीडिया ...
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March 13, 2017
Contemporary Issues
उर्मिलेश | राजनीतिक दलों या नेताओं के जीतने-हारने या उनकी सीटों के पूर्वानुमान लगाने वाले ओपिनियन-पोल राजनीति और राजनेताओं के लिए कितने फायदेमंद या नुकसानदेह हैं, इस पर विवाद हो सकता है। लेकिन एक पत्रकार के रूप में मैं अपने अनुभव की रोशनी में बेहिचक कह सकता हूं कि चुनाव-अधिसूचना ...
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August 15, 2016
Online Journalism
शिवप्रसाद जोशी। न्यू यॉर्कर में 1993 में एक कार्टून प्रकाशित हुआ था जिसमें एक कुत्ता कम्प्यूटर के सामने बैठा है और साथ बैठे अपने सहयोगी को समझाते हुए कह रहा है, “इंटरनेट में, कोई नहीं जानता कि तुम कुत्ते हो।” (जेन बी सिंगर, ऑनलाइन जर्नलिज़्म ऐंड एथिक्स, अध्याय एथिक्स एंड ...
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January 12, 2016
Contemporary Issues
अमित कुमार। फोटोग्राफ (छायाचित्र) वर्षों से पत्रकारिता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। समाचार पत्रों से लेकर ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइटों तक में छायाचित्रों (फोटोग्राफों) का प्रयोग न केवल प्रमुखता से किया जाता है बल्कि फोटोग्राफों के बिना इन माध्यमों की कल्पना भी मुश्किल है। हम सभी इस बात से अवगत हैं ...
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December 13, 2015
Communication
पारुल जैन। सोशल मीडिया जैसे की नाम से ही ज़ाहिर है, एक ऐसा चैनल जो सोशल होने में मदद करे। मनुष्य जन्म से ही सामाजिक प्राणी है। वो समाज में रहता है और लोगों से संपर्क बनाना चाहता है। अगर हम एक परिवार की बात करें तो घर के पुरुष ...
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