अनिल यादव। मिलिट्री डेयरी फार्म, सूबेदारगंज, इलाहाबाद। लौकी की लतरों से ढके एस्बेस्टस शीट की ढलानदार छतों वाले उन एक जैसे स्लेटी, काई से भूरे मकानों का शायद कोई अलग नंबर नहीं था। हर ओर ऊंची पारा और लैंटाना घास थी। कंटीले तारों से घिरे खेत थे जिनके आगे बैरहना ...
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